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हिजाब विवाद के बीच समझें इस्लाम में इसका असली मतलब और क्या हैं जरूरी नियम!

हिजाब विवाद के बीच समझें इस्लाम में इसका असली मतलब और क्या हैं जरूरी नियम!

नीतीश कुमार के बयान से छिड़ी हिजाब वाली बहस के बीच लोग इसके कायदे-कानून तलाश रहे हैं। दरअसल, इस्लाम में हिजाब का मतलब सिर्फ सिर ढंकना नहीं, बल्कि शालीनता और पर्दा है। कुरान के मुताबिक, यह महिलाओं की सुरक्षा और पहचान के लिए है, जिसमें चेहरा और हाथ छोड़कर शरीर को ढंकने की बात कही गई है।

साल की आखिरी एकादशी पर बन रहा है दुर्लभ संयोग, संतान सुख के लिए करें ये खास उपाय!

साल की आखिरी एकादशी पर बन रहा है दुर्लभ संयोग, संतान सुख के लिए करें ये खास उपाय!

साल की आखिरी पौष पुत्रदा एकादशी पर इस बार ग्रहों का ऐसा अद्भुत मेल बैठ रहा है, जो संतान प्राप्ति की इच्छा रखने वालों के लिए वरदान साबित होगा। 30 दिसम्बर को श्रद्धा भाव से व्रत रखने और भगवान विष्णु की पूजा करने से घर में किलकारियां गूंज सकती हैं। बस सच्चे मन से हरि नाम जपें, बिगड़े काम भी बन जाएंगे।

मुर्गे-मुर्गियों को खिलाएं ये ‘हरा चारा’, अंडों की पैदावार होगी दोगुनी

मुर्गे-मुर्गियों को खिलाएं ये ‘हरा चारा’, अंडों की पैदावार होगी दोगुनी

मुर्गी पालन करने वाले भाइयों के लिए अजोला किसी वरदान से कम नहीं है। इस पौष्टिक हरी घास को खिलाने से मुर्गियों की सेहत सुधरती है और अंडों का उत्पादन जबरदस्त बढ़ जाता है। सबसे बड़ी बात ये है कि इससे दाने का खर्च आधा हो जाता है और कमाई बढ़िया होती है। कम लागत में मुनाफे का सॉलिड फॉर्मूला है।

कड़कड़ाती ठंड में चाहिए सुकून की नींद? कंबल चुनते समय बस इन 3 बातों का रखें ख्याल

कड़कड़ाती ठंड में चाहिए सुकून की नींद? कंबल चुनते समय बस इन 3 बातों का रखें ख्याल

सर्दी का सितम जारी है, ऐसे में सही कंबल चुनना किसी टास्क से कम नहीं। अच्छी नींद के लिए हमेशा ऊनी या फ्लीस वाले हल्के और हवादार कंबल ही लें। ध्यान रहे कि कपड़ा स्किन के लिए आरामदायक हो और गर्मी बरकरार रखे। भारी-भरकम कंबल के बजाय क्वालिटी पर फोकस करें ताकि नींद में खलल न पड़े और आप फिट रहें।

आखिर बच्चों के दांत किस उम्र में निकलने लगते हैं?

आखिर बच्चों के दांत किस उम्र में निकलने लगते हैं?

माता-पिता के लिए अपने बच्चें के साथ बिताया हर पल यादगार होता है। ऐसे में बच्चों के दांत 6 महीने में निकलना शुरू हो जाते है। 12वें महीने में उसके 3 से 4 दांत निकल आते है। 3 साल की उम्र में बच्चें के 20 दूध के दांत निकल आते है। लड़कियों के दांत लड़को की तुलना में जल्दी निकल आते है।

ब्लू क्रिसमस क्या होता है, इसे कब मनाया जाता है और कैसे?

ब्लू क्रिसमस क्या होता है, इसे कब मनाया जाता है और कैसे?

आप सभी जानते है की 25 दिसंबर को क्रिसमस मनाया जाता है लेकिन क्या आप जानते है, ब्लू क्रिसमस क्यों मनाया जाता है। ब्लू क्रिसमस 21 दिसंबर को हर साल मनाया जाता है और ये दिन खुशियों की वजह दुःख, अकेलेपन और भावनात्मक दर्द को समझने के लिए होता है। यह क्रिसमस उन लोगो के लिए है जिन्होंने अपनों को खो दिया है या मुश्किल दौर से गुजर रहे है।

घर में इस जगह रखें फेंगशुई के 3 सिक्के, चमक जाएगी किस्मत और बरसेगा पैसा

घर में इस जगह रखें फेंगशुई के 3 सिक्के, चमक जाएगी किस्मत और बरसेगा पैसा

पैसे की तंगी से परेशान हैं तो फेंगशुई के ये 3 सिक्के आपकी किस्मत बदल सकते हैं। बस इन्हें लाल रिबन में बांधकर अपने घर के मुख्य दरवाजे के अंदर की तरफ लटका दें। माना जाता है कि ऐसा करने से घर में बरकत आती है और अटका हुआ पैसा भी वापस मिल जाता है।

News Source: पत्रिका
21 दिसंबर ‘ब्लू क्रिसमस’ और 25 दिसंबर की क्रिसमस में क्या है बड़ा अंतर?

21 दिसंबर ‘ब्लू क्रिसमस’ और 25 दिसंबर की क्रिसमस में क्या है बड़ा अंतर?

भाई, सीधी बात ये है कि 25 दिसंबर तो पूरी दुनिया खुशियों और केक के साथ मनाती है, लेकिन 21 दिसंबर वाला ‘ब्लू क्रिसमस’ उन लोगों के लिए है जो गम या अकेलेपन में हैं। साल की इस सबसे लंबी रात को चर्च में उन लोगों को याद कर सुकून और शांति बांटी जाती है जिन्होंने अपनों को खोया है।

General Knowledge : मरे हुए चूहे की बदबू हटाने का रामबाण इलाज

General Knowledge : मरे हुए चूहे की बदबू हटाने का रामबाण इलाज

अक्सर घर में मरे हुए चूहे की बदबू सभी को परेशान कर देती है लेकिन घबराएं नहीं। उस जगह बेकिंग सोडा छिड़ककर कुछ घंटे छोड़ दें, बदबू कम हो जाएगी। एक्टिवेटेड चारकोल या कॉफी पाउडर भी बदबू सोख लेता है। इसके अलावा जिस जगह चूहा मरा हो वहां अखबार बिछा दें, अखबार की स्याही बदबू को सोख लेती है और बदबू नहीं आती है।

News Source: न्यूज़ 24
नवरात्रि ही नहीं, इन खास मौकों पर भी कन्या पूजन चमका सकता है आपकी किस्मत

नवरात्रि ही नहीं, इन खास मौकों पर भी कन्या पूजन चमका सकता है आपकी किस्मत

क्या आप जानते हैं कि कन्या पूजन सिर्फ नवरात्रि के लिए नहीं है? शास्त्रों के मुताबिक, घर में शादी-ब्याह, गृह प्रवेश या किसी बड़ी तीर्थ यात्रा से लौटने के बाद भी कन्याओं को जिमाना बेहद शुभ माना जाता है। हर महीने की दुर्गा अष्टमी और अपनी मन्नत पूरी होने पर भी साक्षात देवी स्वरूप इन बच्चियों का आशीर्वाद लेकर आप अपने दुख-दरिद्र दूर कर सकते हैं।

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